22 April 2022

महान्यायवादी (भारत) भारत सरकार के मुख्य कानूनी अधिकारी

महान्यायवादी (भारत)
भारत सरकार के मुख्य कानूनी अधिकारी

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भारत का महान्यायवादी (Attorney General) भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार तथा भारतीय उच्चतम न्यायालय में सरकार का प्रमुख वकील होता है।

K K Venugopal, Attorney General of India
के के वेणुगोपाल, भारत के महान्यायवादी
भारत के महान्यायवादी (अनुच्छेद 76) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। जो व्यक्ति supreme court न्यायाधीश बनने की योग्यता रखता है, ऐसे किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति महान्यायवादी के पद पर नियुक्त कर सकते हैं।

देश के महान्यायवादी का कर्तव्य कानूनी मामलों में केंद्र सरकार को सलाह देना और कानूनी प्रक्रिया की उन जिम्मेदारियों को निभाना है जो राष्ट्रपति की ओर से उनके पास भेजे जाते हैं। इसके अतिरिक्त संविधान और किसी अन्य कानून के अंतर्गत उनका जो काम निर्धारित है, उनका भी पालन उन्हें पूरा करना होता है। अपने कर्तव्य के निर्वहन के दौरान उन्हें देश के किसी भी न्यायालय में उपस्थित होने का अधिकार है। उन्हें संसद की कार्यवाही धारा 88 के अनुसार भाग लेने का अधिकार है, हालांकि उनके पास मतदान का अधिकार नहीं होता। उनके कामकाज में सहायता के लिए सॉलिसिटर जनरल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल होते हैं।

अनुच्छेद 76 और 88 भारत के महान्यायवादी के साथ संबन्धित है| भारत के महान्यायवादी देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। वह सभी कानूनी मामलों में सरकार की सहायता के लिए जिम्मेदार होता है। राष्ट्रपति, महान्यायवादी की नियुक्त करता है| जो व्यक्ति (महान्यायवादी) नियुक्त किया जाता है उसकी योग्यता सर्वोच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश होने लायक होनी चाहिए। वह भारत का नागरिक होना चाहिए और दस साल के लिए उच्च न्यायलय में वकील के रूप में कार्य करने का अनुभव होना चाहिए|

नियुक्ति और पदावधि

संविधान, महान्यायवादी को निश्चित पदअवधि प्रदान नहीं करता है। इसलिए, वह राष्ट्रपति की मर्ज़ी के अनुसार ही कार्यरत रहता है| उसे किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है| उसे हटाने के लिए संविधान में कोई भी प्रक्रिया या आधार उल्लेखित नहीं है।

महान्यायवादी वही पारिश्रमिक प्राप्त करता है जो राष्ट्रपति निर्धारित करता है| संविधान ने महान्यायवादी का पारिश्रमिक निर्धारित नहीं किया है।

कर्तव्य और कार्य

महान्यायवादी के कर्तव्य और कार्य निम्नलिखित हैं:

(1) वह कानूनी मामलों पर भारत सरकार को सलाह देता है जो राष्ट्रपति द्वारा उसे भेजे या आवंटित किए जाते हैं|

(2) वह राष्ट्रपति द्वारा भेजे या आवंटित किए गए कानूनी चरित्र के अन्य कर्तव्यों का प्रदर्शन करता है।

(3) वह संविधान के द्वारा या किसी अन्य कानून के तहत उस पर सौंपे गए कृत्यों का निर्वहन करता है ।

अपने सरकारी कर्तव्यों के निष्पादन में,

(1) वह भारत सरकार का विधि अधिकारी होता है, जो सुप्रीम कोर्ट में सभी मामलों में भारत सरकार का पक्ष रखता है।

(2) जहाँ भी भारत की सरकार को किसी क़ानूनी सलाह की जरुरत होती है, वह अपनी राय से सरकार को अवगत कराता है ।

अधिकार और सीमाएं

महान्यायवादी के अधिकार निम्नलिखित हैं:

(1) अपने कर्तव्यों के निष्पादन में, वह भारत के राज्य क्षेत्र में सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है।

(2) उसे संसद के दोनों सदनों या उनके संयुक्त बैठकों की कार्यवाही में हिस्सा लेने का अधिकार है, परंतु उसे वोट देने का अधिकार नहीं है (अनुच्छेद 88)|

(3) उसे संसद की किसी भी समिति में जिसमें वह सदस्य के रूप में नामांकित हो बोलने का अधिकार या भाग लेने का अधिकार है, परंतु वोट डालने का अधिकार नहीं है (अनुच्छेद 88)|

(4) वह उन सभी विशेषाधिकारों और प्रतिरक्षाओं को प्राप्त करता है जो संसद के एक सदस्य के लिए उपलब्ध होतीं है|

नीचे वर्णित महान्यायवादी पर निर्धारित की गई सीमाएं हैं:

(1) वह अपनी राय को भारत सरकार के ऊपर थोप नहीं सकता है|

(2) वह भारत सरकार की अनुमति के बिना आपराधिक मामलों में आरोपियों का बचाव नहीं कर सकता है ।

(3) वह सरकार की अनुमति के बिना किसी भी कंपनी में एक निदेशक के रूप में नियुक्ति को स्वीकार नहीं कर सकता है|

यह ध्यान दिये जाने वाली बात है कि महान्यायवादी को निजी कानूनी अभ्यास से वंचित नहीं किया जाता है| वह सरकारी कर्मचारी नहीं होता है क्योंकि उसे निश्चित वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है और उसका पारिश्रमिक राष्ट्रपति निर्धारित करता है|

भारत के महान्यायवादियों की सूची::
भारत के अटॉर्नी जनरल, भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है, और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का मुख्य वकील होता है. भारत के अटॉर्नी जनरल को संविधान की धारा 76 (1) के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत अपने पद पर रहता है. इसे देश का सर्वोच्च कानूनी अधिकारी भी कहा जाता है.

भारत के वर्तमान अटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल हैं. उन्हें भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा नियुक्त किया गया था. उन्होंने औपचारिक रूप से 30 जून 2017 से अपना पद ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल 3 साल का होगा. इनका कार्यकाल अब वर्तमान में बढ़ा दिया गया है वर्तमान में के के वेणुगोपाल भारत के 15 वें अटॉर्नी जनरल होंगे.

इस लेख में भारत के अब तक के सभी अटॉर्नी जनरल या महान्यायवादियों के नाम दिए जा रहे हैं.

महान्यायवादी (नाम) कार्यकाल
1. एम सी सीतलवाड़ (सबसे लंबा कार्यकाल) 28 जनवरी 1950 – 1 मार्च 1963
2. सी.के. दफ्तरी 2 मार्च 1963 – 30 अक्टूबर 1968
3. निरेन डे 1 नवंबर 1968 – 31 मार्च 1977
4. एस वी गुप्ते 1 अप्रैल 1977 – 8 अगस्त 1979
5. एल.एन. सिन्हा 9 अगस्त 1979 – 8 अगस्त 1983
6. के परासरण 9 अगस्त 1983 – 8 दिसंबर 1989
7. सोली सोराबजी (सबसे छोटा कार्यकाल) 9 दिसंबर 1989 – 2 दिसंबर 1990
8. जी रामास्वामी 3 दिसंबर 1990 – 23 नवंबर 1992
9. मिलन के. बनर्जी 21 नवंबर 1992 – 8 जुलाई 1996
10. अशोक देसाई 9 जुलाई 1996 – 6 अप्रैल 1998
11. सोली सोराबजी 7 अप्रैल 1998 – 4 जून 2004
12. मिलन के. बनर्जी 5 जून 2004 – 7 जून 2009
13. गुलाम एस्सजी वाहनवति 8 जून 2009 – 11 जून 2014
14. मुकुल रोहतगी 12 जून 2014 – 30 जून 2017
15. के.के. वेणुगोपाल 30 जून 2017 से अभी तक
नियुक्ति और पदावधि

संविधान, महान्यायवादी को निश्चित पद अवधि प्रदान नहीं करता है. इसलिए, वह राष्ट्रपति की मर्ज़ी के अनुसार ही कार्यरत रहता है. उसे किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है. उसे हटाने के लिए संविधान में कोई भी प्रक्रिया या आधार उल्लेखित नहीं है. महान्यायवादी वही पारिश्रमिक प्राप्त करता है जो राष्ट्रपति निर्धारित करता है. संविधान के महान्यायवादी का पारिश्रमिक निर्धारित नहीं किया है.अनुच्छेद 88 के अनुसार संसद के संयुक्त अथिवेशन मे भाग लेता है| संसद का सदस्य न होने के वाबजूद इन्हे वो सभी अनुलाभ मिलता है जो किसी संसद को मिलता है|

भारताचा महान्यायवादी

भारताचा महान्यायवादी : भारतीय राज्यव्यवस्थेतील सर्वोच्च कायदा अधिकारी, सरकारचा मुख्य कायदेविषयक सल्लागार. महान्यायावादी या पदाची भारतीय राज्यघटनेत कलम ७६ मध्ये स्वतंत्र तरतूद आहे. महान्यायवादी यांची नियुक्ती केंद्रीय कायदेमंडळाच्या शिफारसीनुसार राष्ट्रपतीद्वारा होते. सर्वोच्च न्यायालयात न्यायाधीशपदी नियुक्ती अर्हता असणे वा न्यायाधीश म्हणून ५ वर्षे कार्य केले असणे वा उच्च न्यायलयात १० वर्ष वकिली केली असणे या पद्धतीच्या अर्हता धारण करणाऱ्या कायदेविषयक निष्णात व्यक्तीस महान्यायवादी म्हणून नियुक्त केले जाते. राज्यघटनेत कार्यकाल आणि पदच्युत्तीची प्रक्रिया नमूद नाही. याबाबतीत राष्ट्रपतीची मर्जी महत्त्वाची आहे. महान्यायवादीस आपल्या पदाचा राजीनामा राष्ट्रपतीस सादर करावा लागतो.

विधीविषयक बाबीवर सरकारला कायदेशीर सल्ला देणे हे महान्यायवादी यांचे प्रमुख कार्य आहे. राज्यघटनेत नमूद असलेली आणि शासन वेळोवेळी सोपवेल ती कायदेविषयक इतर कार्ये त्याला करावी लागतात. सर्वोच्च न्यायालय आणि भारतीय राज्यक्षेत्रातील इतर कुठल्याही न्यायालयात सरकारच्या वतीने त्याला बाजू मांडावी लागते. संविधानातील कलम १४३ नुसार सार्वजनिक व सामरिकदृष्ट्या लोकमहत्वाच्या विषयावर राष्ट्रपती सर्वोच्च न्यायालयाचे मत मागवितो. यावेळी राष्ट्रपतीचे पर्यायाने सरकारचे प्रतिनिधत्व महान्यायवादी करीत असतो. भारतीय संसदेच्या संयुक्त बैठकीत, समितीत, सदनात उपस्थित राहण्याचा त्याला अधिकार आहे; मात्र प्रस्तावावर मतदानाचा अधिकार नाही. भारतीय संविधानाच्या कलम १०५ नुसार जे विशेषाधिकार संसद सदस्याला प्राप्त असतात ते विशेषाधिकार महान्यायवादीस प्राप्त आहेत.

भारताचा सर्वोच्च कायदा अधिकारी म्हणून सरकारचे कायदेविषयक कार्य करताना त्याच्यावर निर्बंधाचे काही संकेत आहेत. त्या संकेतात त्याने भारत सरकारविरुद्ध सल्ला देऊ नये, भारत सरकारच्या  परवानगीशिवाय फौजदारी बाजू मांडू नये या काही बाबींचा समावेश होतो. असे असले तरी त्याला कायदा व्यवसाय करण्यास त्याला प्रतिबंध नाही. त्याची भूमिका ही पूर्णवेळ सल्लागार वा सरकारी कर्मचारी अशी नाही.

महान्यायवाद्यास सहकार्य करण्यासाठी महान्याय अधिकर्ता आणि अतिरिक्त महान्याय अधिकर्ता अशी पदे निर्माण केली गेली आहेत. त्यांचा घटनेत उल्लेख नाही. राज्याविधीमंडळ स्तरावर राज्यास कायदेविषयक सल्ला देण्यासाठी महाधिवक्ता अशा पदाची तरतूद आहे.

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भारताचा महान्यायवादी


 (ॲटर्नी जनरल ऑफ इंडिया) भारत सरकारचा कायदेशीर सल्लागार व सर्वश्रेष्ठ सरकारी वकील. भारतीय संविधानात महान्यावादीची तरतूद करण्यात आली असून संविधानाच्या ७६ व्या अनुच्छेदानुसार राष्ट्रपती त्याची नेमणूक करतात. भारतीय नागरिकत्व आणि सर्वोच्य न्यायालयात न्यायाधीश म्हणून नेमणूक होण्यास पात्र असलेली व्यक्तीच या पदासाठी पात्र समजली जाते. राष्ट्रपतींची मर्जी असेपर्यंतच अशा व्यक्तीस या अधिकारपदावर राहता येते. राष्ट्रपतींनी विचारलेल्या कायदेविषयक बाबींवर भारत सरकारला सल्ला देणे, नेमून दिलेली इतर विधिविषयक कामे पार पाडणे, केंद्र सरकारतर्फे दिवाणी व फौजदारी दावे चालविणे इ. महान्यायवादीची प्रमुख कामे होत. यांशिवाय योग्य न्यायासाठी एखाद्या उच्च न्यायालयातील खटला दुसऱ्या उच्च न्यायालयात चालविण्यासाठी सर्वोच्य न्यायालयाकडे अर्ज करणे, अधिवक्ता कायद्याखाली भारतीय वकील परिषदेने एखाद्या अधिवक्त्याच्या व्यावसायीक अथवा इतर गैरवर्तनाबद्दल दिलेला आदेश अन्यायकारक वाटल्यास सर्वोच्य न्यायालयाकडे अर्ज करणे इ. कामेही महान्यायवादीला करावी लागतात.


महाधिवक्त्याप्रमाणेच महान्यायवादी हा वकील व्यवसायाचे नेतृत्व करतो. एखाद्या वकिलाविरूद्ध गैरवर्तणूक अथवा भ्रष्टाचार या आरोपांच्या चौकशीसंबंधात महान्यायवादीस माहिती देण्यात येते. त्याबाबत त्याला आपले म्हणणे न्यायाधिकरणापुढे मांडण्याचा किंवा न्यायाधिकरणाच्या निर्णयाविरूद्ध अपील करण्याचा अधिकार देण्यात आला आहे.

महान्यायवादीस भारतातील सर्व न्यायालयांत युक्तीवाद करण्याचा अधिकार आहे. संसदेच्या दोन्ही सभागृहांतील कामकाजात तसेच सभागृहांच्या संयुक्त बैठकीत, मतदानाचा हक्क सोडून, त्याला भाग घेण्याचा अधिकार आहे. याशिवाय एखाद्या समितीत सदस्य असल्यास त्या समितीच्या बैठकीत भाषण करण्याचा व कामकाजात भाग घेण्याचा त्याला अधिकार आहे.

महिला व बालविकास विभाग, महाराष्ट्र शासन

महिला व बालविकास विभाग, महाराष्ट्र शासन

लेखाचा / विभागाचा विस्तार करण्यास मदत करा.
महिला व बालविकास विभाग, महाराष्ट्र शासन हा महाराष्ट्र शासनाचा एक विभाग आहे. ह्या विभागाची स्थापना 1993 साली करण्यात आली. महिला व बालविकास स्वतंत्र खाते सुरू करणारे महाराष्ट्र हे देशातील प्रथम राज्य आहे. महिला व बालविकास विभागातील (गट अ व ब) संवर्गातील राजपत्रित पदे महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग.(MPSC) मार्फत महिला व बालविकास विभाग सुधारित सेवा प्रवेश नियम 2021 व 2022 नुसार कायदेशीर दृष्टीने सामाजिक राज्यसेवा म्हणजेच (सरळसेवा) स्पर्धात्मक परिक्षेच्या मार्फत भरली जातात.

स्पर्धात्मक परीक्षा :- सामाजिक राज्यसेवा म्हणजेच (सरळसेवा) होय.
महिला व बालविकास विभागातील राजपत्रित (गट अ व ब) संपूर्ण पदे हे १९९३ पासून ते आजपर्यंत , सामाजिक राज्यसेवा स्पर्धा परिक्षेतून भरली जातात.

अंतर्गत विभाग
महिला व बालविकास विभाग
राजमाता जिजाऊ माता - बालआरोग्य व पोषण मिशन
महिला आर्थिक विकास महामंडळ मर्या.

सामान्य प्रशासन विभाग महाराष्ट्र शासन

सामान्य प्रशासन विभाग, महाराष्ट्र शासन

Wiki letter w.svg सामान्य प्रशासन विभाग, महाराष्ट्र शासन संस्थेबद्दलचा मराठी विकिपीडिया वरील केवळ विश्वकोशीय लेख आहे. अधिक माहिती सामान्य प्रशासन विभाग, महाराष्ट्र शासन संस्थेबद्दलचे अधिकृत संकेतस्थळ नमूद केले असल्यास तेथे पाहावी अथवा येथे शोधावी
Disambig-dark.svgनेहमीचे प्रश्न आणि उत्तरदायकत्वास नकार



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सामान्य प्रशासन विभाग हा महाराष्ट्र शासनाचा एक विभाग आहे. सामान्य  प्रशासन विभागात मुख्य सचिवांसह सात अपर मुख्य सचिव कार्यरत आहेत.

अंतर्गत विभाग
सामान्य प्रशासन विभाग
मुख्य निवडणूक अधिकारी
माहिती व जनसंपर्क
राजभवन
राजीव गांधी विज्ञान तंत्रज्ञान आयोग
मुख्य माहिती आयुक्त
महाराष्ट्र विमानतळ विकास कंपनी
महान्यूज
महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग
महाराष्ट्र राज्य माजी सैनिक महामंडळ
महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण
लोक आयुक्त महाराष्ट्र

महाराष्ट्र शासनाचे विभाग

महाराष्ट्र शासनाचे विभाग

Wiki letter w.svg महाराष्ट्र शासनाचे विभाग संस्थेबद्दलचा मराठी विकिपीडिया वरील केवळ विश्वकोशीय लेख आहे. अधिक माहिती महाराष्ट्र शासनाचे विभाग संस्थेबद्दलचे अधिकृत संकेतस्थळ नमूद केले असल्यास तेथे पाहावी अथवा येथे शोधावी
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ही भारताच्या महाराष्ट्र शासनाच्या विविध विभागांची यादी आहे. याचा अनुक्रम संकेतस्थळावर असलेल्या यादीप्रमाणेच आहे.

विभागांची नावे
१. सामान्य प्रशासन
२. माहिती व तंत्रज्ञान
३. गृह
४. महसूल
५. वन
६. कृषी
७. कृषी, पशुसंवर्धन, दुग्ध व मत्स्य व्यवसाय
८. शालेय शिक्षण आणि क्रीडा
९. नगरविकास
१०. सार्वजनिक बांधकाम (१)
११. वित्त
१२. उद्योग
१३. वैद्यकीय शिक्षण व औषधीद्रव्ये
१४. जलसंपदा
१५. विधी व न्याय
१६. ग्रामविकास व पंचायत राज
१७. अन्न, नागरी पुरवठा व ग्राहक संरक्षण
१८. नियोजन
१९. सामाजिक न्याय व विशेष सहाय्य
२०. जलसंधारण व रोजगार हमी योजना
२१. गृहनिर्माण विभाग
२२. पाणी पुरवठा व स्वच्छता
२३. सार्वजनिक आरोग्य
२४. आदिवासी विकास
२५. पर्यावरण
२६. सहकार, पणन आणि वस्त्रोद्योग
२७. वस्त्रोद्योग विभाग
२८. उच्च व तंत्र शिक्षण
२९. उर्जा
३०. मराठी भाषा विभाग, (भाषा संचालनालय)
३१. पर्यटन व सांस्कृतिक कार्य
३२. अल्पसंख्यांक विकास
३३. कौशल्य विकास व उद्योजकता
३४. परिवहन
३५. महिला व बालविकास
३६. संसदीय कार्य
३७. कामगार

महाराष्ट्राचे राज्यपाल

महाराष्ट्राचे राज्यपाल

ही भारताच्या महाराष्ट्र राज्याच्या तसेच ब्रिटिश भारताच्या बॉम्बे प्रेसिडेन्सीच्या राज्यपालांची यादी आहे.

क्र नाव पासून पर्यंत
१ द राइट ऑनरेबल सर जॉन कॉलव्हिल इ.स. १९४३ इ.स. १९४८
२ राजा महाराज सिंग इ.स. १९४८ इ.स. १९५२
३ सर गिरीजा शंकर बाजपाई इ.स. १९५२ इ.स. १९५४
४ डॉ. हरेकृष्ण महताब इ.स. १९५५ इ.स. १९५६
५ श्री प्रकाश इ.स. १९५६ इ.स. १९६२
६ डॉ. पी. सुब्बरायण १७ एप्रिल इ.स. १९६२ ६ ऑक्टोबर इ.स. १९६२
७ विजयालक्ष्मी पंडित २८ नोव्हेंबर इ.स. १९६२ १८ ऑक्टोबर इ.स. १९६४
८ डॉ. पी.व्ही. चेरियन १४ नोव्हेंबर इ.स. १९६४ ८ नोव्हेंबर इ.स. १९६९
९ अली यावर जंग २६ फेब्रुवारी इ.स. १९७० ११ डिसेंबर इ.स. १९७६
१० सादिक अली ३० एप्रिल इ.स. १९७७ ३ नोव्हेंबर इ.स. १९८०
११ एर चीफ मार्शल ओ.पी. मेहरा ३ नोव्हेंबर इ.स. १९८० ५ मार्च इ.स. १९८२
१२ एर चीफ मार्शल आय.एच. लतीफ ६ मार्च इ.स. १९८२ १६ एप्रिल इ.स. १९८५
१३ कोना प्रभाकर राव ३१ मे इ.स. १९८५ २ एप्रिल इ.स. १९८६
१४ डॉ. शंकर दयाळ शर्मा ३ एप्रिल इ.स. १९८६ २ सप्टेंबर इ.स. १९८७
१५ कासू ब्रह्मानंद रेड्डी २० फेब्रुवारी इ.स. १९८८ १८ जानेवारी इ.स. १९९०
१६ डॉ. सी. सुब्रमण्यम १५ फेब्रुवारी इ.स. १९९० ९ जानेवारी इ.स. १९९३
१७ Dr. पी.सी. अलेक्झांडर १२ जानेवारी इ.स. १९९३ १३ जुलै इ.स. २००२
१८ मोहम्मद फझल १० ऑक्टोबर इ.स. २००२ ५ डिसेंबर इ.स. २००४
१९ एस.एम. कृष्णा १२ डिसेंबर इ.स. २००४ ५ मार्च इ.स. २००८
२० एस.सी. जमीर ९ मार्च इ.स. २००८ २२ जानेवारी इ.स. २०१०
२१ काटीकल शंकरनारायण २२ जानेवारी इ.स. २०१० २१ ऑगस्ट इ.स. २०१४
२२ सी. विद्यासागर राव ३० ऑगस्ट इ.स. २०१४ ३१ ऑगस्ट, इ.स. २०१९
२३ भगत सिंह कोश्यारी १ सप्टेंबर, इ.स. २०१९ सद्य

महाराष्ट्राच्या मुख्यमंत्र्यांची यादी

महाराष्ट्राच्या मुख्यमंत्र्यांची यादी

महाराष्ट्राचे मुख्यमंत्री हे महाराष्ट्र राज्यशासनाचे प्रमुख असतात. विधानसभा निवडणुकांमध्ये बहुमत मिळालेल्या पक्षाच्या नेत्याला महाराष्ट्राचे राज्यपाल सरकार स्थापन करण्याचे निमंत्रण देतात. यानंतरच्या विधानसभेच्या पहिल्या अधिवेशनात मतदान होउन बहुमत मिळाल्यास अधिकृतरीत्या ते मुख्यमंत्री होतात.

महाराष्ट्राचे मुख्यमंत्री
Chief Minister of Maharashtra
Uddhav Thackeray.png
विद्यमान
उद्धव बाळासाहेब ठाकरे
२८ नोव्हेंबर २०१९ पासून
महाराष्ट्र सरकार
दर्जा
राज्यशासनाचे प्रमुख
सदस्यता
महाराष्ट्राचे विधिमंडळ (विधानसभा किंवा विधान परिषद)
निवास
वर्षा निवास, मुंबई
मुख्यालय
मंत्रालय, मुंबई
नियुक्ती कर्ता
महाराष्ट्राचे राज्यपाल
कालावधी
५ वर्ष
पूर्वाधिकारी
मुंबई राज्याचे मुख्यमंत्री
निर्मिती
१ मे १९६०
पहिले पदधारक
यशवंतराव चव्हाण (१९६०-१९६२)
उपाधिकारी
महाराष्ट्राचे उपमुख्यमंत्री
२०१९ च्या निवडणुकांमध्ये कोणत्याही पक्षास स्पष्ट बहुमत मिळाले नाही, त्यामुळे महाराष्ट्रात राष्ट्रपती राजवट लागू करण्यात आली होती. विधानसभेतील सगळ्यात मोठा पक्ष असलेल्या भाजपने सरकार स्थापना करण्याचा दावा केला व देवेंद्र फडणवीस पुन्हा एकदा मुख्यमंत्री झाले. परंतु सभागृहातील चाचणी मतामध्ये बहुमत मिळणार नाही हे तीन दिवसांत स्पष्ट झाल्यावर देवेंद्र फडणवीस यांनी २६ नोव्हेंबर २०१९ रोजी राजीनामा दिला. त्यानंतर शिवसेना, राष्ट्रवादी काँग्रेस व काँग्रेस यांनी शिवसेना नेते संजय राऊत यांचा मध्यस्थीने शरद पवार, सोनिया गांधी व उद्धव ठाकरे यांच्या नेतृत्वाखाली एकत्र येऊन महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार स्थापन केले व उद्धव ठाकरे यांनी शिवाजी पार्क येथे मुख्यमंत्री पदाची शपथ घेतली.

सूची संपादन करा
इ.स. १९६० सालापासून महाराष्ट्राचे आजवरचे मुख्यमंत्री :

# नाव कार्यकाळ आरंभ कार्यकाळ समाप्ती पक्ष
१ यशवंतराव चव्हाण मे १, इ.स. १९६० नोव्हेंबर १९, इ.स. १९६२ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
तिसरी विधानसभा निवडणूक (इ.स. १९६२)
२ मारोतराव कन्नमवार नोव्हेंबर २०, इ.स. १९६२ नोव्हेंबर २४, इ.स. १९६३ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
३ वसंतराव नाईक डिसेंबर ५, इ.स. १९६३ फेब्रुवारी २०, इ.स. १९७५ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
४ शंकरराव चव्हाण फेब्रुवारी २१, इ.स. १९७५ मे १७, इ.स. १९७७ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
५ वसंतदादा पाटील मे १७. इ.स. १९७७ जुलै १८, इ.स. १९७८ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
सहावी विधानसभा निवडणूक (इ.स. १९७८)
६ शरद पवार जुलै १८, इ.स. १९७८ फेब्रुवारी १७, इ.स. १९८० पुरोगामी लोकशाही दल
सातवी विधानसभा निवडणूक (इ.स. १९८०)
७ अब्दुल रहमान अंतुले जून ९, इ.स. १९८० जानेवारी १२, इ.स. १९८२ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
८ बाबासाहेब भोसले जानेवारी २१, १९८२ फेब्रुवारी १, १९८३ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
९ वसंतदादा पाटील फेब्रुवारी २, इ.स. १९८३ जून १, इ.स. १९८५ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
आठवी विधानसभा निवडणूक (१९८५)
१० शिवाजीराव निलंगेकर पाटील जून ३, इ.स. १९८५ मार्च ६, इ.स. १९८६ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
११ शंकरराव चव्हाण मार्च १२, इ.स. १९८६ जून २६, इ.स. १९८८ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
१२ शरद पवार जून २६, इ.स. १९८८ जून २५, इ.स. १९९१ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
नववी विधानसभा निवडणूक (इ.स. १९९१)
१३ सुधाकरराव नाईक जून २५, इ.स. १९९१ फेब्रुवारी २२, इ.स. १९९३ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
१४ शरद पवार मार्च ६, इ.स. १९९३ मार्च १४, इ.स. १९९५ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
दहावी विधानसभा निवडणूक (इ.स. १९९५)
१५ मनोहर जोशी मार्च १४, इ.स. १९९५ जानेवारी ३१, इ.स. १९९९ शिवसेना
१६ नारायण राणे फेब्रुवारी १, इ.स. १९९९ ऑक्टोबर १७, इ.स. १९९९ शिवसेना
अकरावी विधानसभा निवडणूक (इ.स. १९९९)
१७ विलासराव देशमुख ऑक्टोबर १८, इ.स. १९९९ जानेवारी १६, इ.स. २००३ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
१८ सुशीलकुमार शिंदे जानेवारी १८, इ.स. २००३ ऑक्टोबर ३०, इ.स. २००४ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
बारावी विधानसभा निवडणूक (इ.स. २००४)
१९ विलासराव देशमुख नोव्हेंबर १, इ.स. २००४ डिसेंबर ५, इ.स. २००८ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
२० अशोक चव्हाण डिसेंबर ५, इ.स. २००८ नोव्हेंबर ९, इ.स. २०१० भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
तेरावी विधानसभा निवडणूक (इ.स. २००९)
२१ पृथ्वीराज चव्हाण नोव्हेंबर १०, इ.स. २०१० सप्टेंबर २६, इ.स. २०१४ भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
चौदावी विधानसभा निवडणूक (इ.स. २०१४)
२२ देवेंद्र गंगाधर फडणवीस ऑक्टोबर ३१ इ.स. २०१४ नोव्हेंबर ८ इ.स. २०१९ भारतीय जनता पक्ष
पंधरावी विधानसभा निवडणूक (इ.स. २०१९)
२३ देवेंद्र गंगाधर फडणवीस नोव्हेंबर २३, इ.स. २०१९ नोव्हेंबर २६, इ.स. २०१९ भारतीय जनता पक्ष
२४ उद्धव बाळासाहेब ठाकरे नोव्हेंबर २८, इ.स. २०१९ शिवसेना
मुंबई प्रांताचे मुख्यमंत्री संपादन करा
इ.स. १९४७ ते १९५२ - बाळ गंगाधर खेर
इ.स. १९५२ ते १९५६ - मोरारजी देसाई
इ.स. १९५६ ते १९६० - यशवंतराव चव्हाण

वित्तीय संबंध

वित्तीय संबंध kendra rajya sambandh

भारतीय राज्यघटनेच्या कलम 268 ते 293 मध्ये ेंद्र व राज्यांमध्ये असणार्‍या वित्तीय संबंधाची तरतूद दिलेली आहे.

करांची विभागणी

संघ सूचीतील विषयावर कर आकारण्याचा अधिकार केवळ संसदेला आहे.

राज्य सूचीतील विषयावर कर आकारण्याचा अधिकार केवळ राज्यांना आहे.

समवर्ती सूचीतील विषयावर करार करण्याचा अधिकार संसद तसेच राज्य विधिमंडळाला आहे.

आंतरराज्य खरेदी-विक्री, आयात-निर्यात, व इतर महत्त्वाच्या वस्तूवर कर आकारण्याचा अधिकार राज्यांना नसेल. (तंबाखू, साखर, रेशीम, सुती उलन कपडे)

कर महसुलाची विभागणी

कलम 268 नुसार केंद्राने आकारणी केलेले मात्र राज्यांनी वसुली व नियोजन केलेले कर दिलेले आहेत. यामध्ये विनिमय पत्रे धनादेश वचन पत्रे विमा पॉलिसी शेअर मुद्रांक शुल्क यांचा समावेश होतो.

कलम 268 ए नुसार केंद्राने आकारणी केलेले आणि केंद्राने व राज्यांनी वसुली व नियोजन केलेले सेवाकर देण्यात आलेले आहेत.

कलम 269 नुसार केंद्राने आकारणी केलेले व वसुली केलेले पण राज्यांना नेमून देण्यात आलेले कर आहेत.

कलम 269 ए हे कलम 101 व्या घटनादुरुस्तीनुसार समाविष्ट करण्यात आले आहे.आंतरराष्ट्रीय व्यापारावर जीएसटी ची आकारणी व वसुली या कलमांमध्ये दिलेली आहे.

कलम 275 नुसार केंद्र राज्यांना वैधानिक अनुदान देऊ शकते तर कलम 282 नुसार आधीन अनुदानाची तरतूद आहे.

kendra rajya sambandh – वित्त आयोग

कलम 280 मध्ये वित्त आयोग स्थापण्याची तरतूद दिलेली आहे. दर पाच वर्षासाठी राष्ट्रपती वित्त आयोगाची स्थापना करतात. वित्त आयोगाची निर्मिती भारताच्या राजकोषीय ‘संघराज्य वादाचे संतुलन चाक’ म्हणून केले आहे. kendra rajya sambandh

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