Wednesday, 13 April 2022

सामान्य ज्ञान

UPSC सामान्य ज्ञान  | IAS GK
1. भारत का पहला राष्ट्रपति ?

(A) पंडित जवाहर लाल नेहरू
(B) डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
(C) डॉ० राजेंद्र प्रसाद  √
(D) इनमें से कोई नहीं

2. भारत का पहला उपराष्ट्रपति ?

(A) जाकिर हुसैन
(B) डॉ० एस० राधाकृष्णन √
(C) गोपाल स्वरूप पाठक
(D) इनमें से कोई नहीं

3. भारत का पहला प्रधानमंत्री ?

(A) पंडित जवाहर लाल नेहरू  √
(B) सरदार बलदेव सिंह
(C) जनरल राजेंद्र सिंह जी
(D) इनमें से कोई नहीं

4. भारत का पहला गृह मंत्री ?

(A) वल्लभभाई पटेल √
(B) डॉ० राजेंद्र प्रसाद
(C) जवाहरलाल नेहरू
(D) जॉन मथाई

5. भारत का पहला रेल मंत्री ?

(A) लाल बहादूर शास्त्री
(B) ललित नारायण मिश्र
(C) बंसी लाल
(D) जॉन मथाई √

6. भारत का पहला रक्षा मंत्री ?

(A) सरदार बलदेव सिंह √
(B) कैलाश नाथ काटजू
(C) इन्दिरा गांधी
(D) जगजीवन राम


7. भारत का पहला वित्त मंत्री ?


(A) जवाहरलाल नेहरू


(B) मोरारजी देसाई


(C) आर० षणमुगम चेट्टी √


(D) प्रणव मुखर्जी


 

8. भारत का पहला विदेश मंत्री ?


(A) लालबहादुर शास्त्री


(B) अटल बिहारी वाजपेयी


(C) गुलज़ारीलाल नन्दा


(D) जवाहरलाल नेहरू √



9. भारत का पहला शिक्षा मंत्री ?


(A) मौलाना अबुल कलाम आजा‌द √


(B) वल्लभभाई पटेल


(C) पंडित जवाहर लाल नेहरू


(D) सी राजगोपालाचारी



10. पहला भारतीय गवर्नर जनरल ?


(A) जवाहरलाल नेहरू


(B) सी राजगोपालाचारी √


(C) जी० वी० मावलंकर


(D) इनमें से कोई नहीं



11. भारत का पहला मुख्य न्यायाधीश ?


(A) हरिलाल जे कानिया √


(B) एम पतंजलि शास्त्री


(C) मेहरचंद महाजन


(D) बी के मुखर्जी



12. भारत का पहला मुख्य निर्वाचन आयुक्त ?


(A) डॉ॰ नगेन्द्र सिँह


(B) सुकुमार सेन √


(C) आर. के. त्रिवेदी


(D) टी. स्वामीनाथन




Questions for Competitive Exam

Questions for Competitive Exam  
Q.1 Which animal never drinks water in its entire life? 
(A) Kangaroo
(B) Hippopotamus
(C) Rat
(D) Kangaroo rat
Hide Answer

Ans .  D
Q.2 What is the physical phase of life called?
(A) Protoplasm
(B) Cytoplasm
(C) Organelles
(D) None of the above
Hide Answer

Ans .  A
Q.3 The largest cell is ________________
(A) Nerve Cell
(B) Ovum
(C) The egg of an Ostrich
(D) None of the above
Hide Answer

Ans .  C
Q.4 Which is the largest human cell?
(A) Liver
(B) Skin
(C) Spleen
(D) Ovum
Hide Answer

Ans .  D
Q.5  _________________ is the longest cell.
(A) Nerve Cell
(B) Skin
(C) Spleen
(D) None of the above
Hide Answer

Ans .  A
Q.6 What is the name of the cells in the body that engulf foreign particles like bacteria?
(A) Phagocytes
(B) Globulin
(C) Fibrinogen
(D) Albumin
Hide Answer

Ans .  A
Q.7 There are _____ number of muscles in human.
(A) 638
(B) 637
(C) 639
(D) 640
Hide Answer

Ans .  C
Q.8 What is the life span of RBC?
(A) 130 days
(B) 110 days
(C) 100 days
(D) 120 days
Hide Answer

Ans .  D
Q.9 What is the life span of WBC?
(A) 2-15 days
(B) 3-15 days
(C) 4-15 days
(D) 5-20 days
Hide Answer

Ans .  A
Q.10 Which is the vertebrate that has a two-chambered heart?
(A) Fish
(B) Snake
(C) Blue Whale
(D) Crocodile
Hide Answer

Ans .  A

Mpsc upsc questions

1 विश्व का सबसे छोटा महासागर कौन सा है ?
A भारतीय
B प्रशांत
C अटलांटिक

D आर्कटिक
उत्तर - D आर्कटिक

2 किस देश ने 1886 में अमेरिका को स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी उपहार में दिया था ?
A फ्रांस

B कनाडा
C ब्राजील
D इंग्लैंड
उत्तर -A फ्रांस

3 मृत सागर किन दो देशों के बीच स्थित है ?
A जॉर्डन और सूडान
B जॉर्डन और इज़राइल
C तुर्की और यूएई

D यूईई और मिस्र
उत्तर - B जॉर्डन और इज़राइल

4 बरमूडा त्रिभुज (Bermuda Triangle) क्षेत्र किस महासागर में स्थित है ?
A अटलांटिक

B भारतीय
C प्रशांत
D आर्कटिक
उत्तर - A अटलांटिक

5 किस देश को यूरोप के खेल के मैदान के रूप में जाना जाता है ?
A ऑस्ट्रिया
B हॉलैंड
C स्विट्जरलैंड

D इटली
उत्तर - C स्विट्जरलैंड

6 किस देश को लैंड ऑफ़ राइजिंग सन के नाम से भी जाना जाता है ?
A जापान

B न्यूज़ीलैंड
C फिजी
D चाइना
उत्तर - A जापान

7 किस देश को वज्र भूमि (thunderbolts) के रूप में जाना जाता है ?
A चीन
B भूटान
C मंगोलिया

D थाईलैंड
उत्तर - B भूटान

8 किस महाद्वीप में देशों की संख्या सबसे अधिक है ?
A एशिया
B भूटान यूरोप
C उत्तरी अमेरिका
D अफ्रीका

उत्तर - D अफ्रीका

9 सफेद हाथी किस देश में पाया जाता है ?
A भारत
B श्रीलंका

C थाईलैंड
D मलेशिया
उत्तर - C थाईलैंड

10 विश्व में महासागरों की कुल संख्या है ?
A 3
B 5
C 7
D 12

उत्तर - B 5

11 किस देश को हजार झीलों (thousand lakes) की भूमि के रूप में भी जाना जाता है?
A आइसलैंड
B नॉर्वे

C फिनलैंड
D स्विट्जरलैंड
उत्तर - C फिनलैंड

12 किस पठार को विश्व की छत (roof of the world) के रूप में जाना जाता है ?
A एंडीज
B हिमालय
C काराकोरम
D पामीर

उत्तर - D पामीर

13 बिना किसी कोने वाली विश्व की सबसे लंबी सीधी सड़क अवस्थित है ?
A यूएसए
B ऑस्ट्रेलिया

C सऊदी अरब
D चीन
उत्तर - C सऊदी अरब

14 विश्व का सबसे बड़ा द्वीप कौन सा है ?
A बोर्नियो
B फिनलैंड
C सुमात्रा
D ग्रीनलैंड

उत्तर - D ग्रीनलैंड

15 किस वर्ष में ब्रिटिश शासन के बाद हांगकांग चीन का हिस्सा बन गया ?
A 1982
B 1989

C 1995
D 1997
उत्तर - D 1997

16 विश्व का सबसे अधिक ऊंचाई वाला नागरिक हवाई अड्डा कौन सा है ?
A दाओचेंग येडिंग एयरपोर्ट, चीन
B कुशोक बकुला रिम्पोचे एयरपोर्ट, लेह
C कम्दो बमदा एयरपोर्ट, चीन
D इनमे से कोई भी नहीं

उत्तर - A दाओचेंग येडिंग एयरपोर्ट, चीन

17 एरिज़ोना यूएसए में ग्रैंड कैन्यन के माध्यम से कौन सी नदी बह रही है?
A मिसौरी नदी
B कोलोराडो नदी
C मिसिसिप्पी नदी
D युकोन नदी
उत्तर - B कोलोराडो नदी

18 विश्व का सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय (Tropical) वर्षावन (rainforest) कौन सा है ?
A अमेज़ॅन
B बोसावास
C दक्षिणपूर्व एशियाई वर्षावन
D डेंट्री वर्षावन
उत्तर - A अमेज़ॅन

19. संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्य के रूप में कितने देशों ने भाग लिया ?
A 45
B 50
C 51
D 75
उत्तर - C 51

20. विश्व की सबसे लंबी महाद्वीपीय पर्वत श्रृंखला (Continental mountain range) कौन सी है?
A हिमालय
B एंडीज
C रॉकी पर्वत
D उरल पर्वत
उत्तर - B एंडीज
   

काही प्रश्न अर्थशात्राचे आणि अर्थसंकल्पाचे प्रकार

१. नाबार्ड खालीलपैकी कोणाला पुनर्वित्त पुरवठा करते?

भूविकास बँका
प्रादेशिक ग्रामीण बँका
राज्य सरकार
वरील सर्व
उत्तर – वरील सर्व

२. आफ्रिकन देशांपैकी भारताचा सर्वाधिक परकीय व्यापार कोणत्या देशाशी आहे?

नायजेरिया
झिंबाब्वे
दक्षिण आफ्रिका
सुदान
उत्तर – दक्षिण आफ्रिका

३. लोक अंदाज समिती मध्ये किती सदस्य असतात?

7
15
22
30
उत्तर – 30

४. सरकारच्या जमाखर्चाच्या धोरणाला ……… असे म्हणतात.

मौद्रिक धोरण
द्रव्य निर्मिती
राजकोषीय धोरण
चलन विषयक धोरण
उत्तर – राजकोषीय धोरण

५. खालीलपैकी कोणती भांडवली जमा नाही?

निर गुंतवणुकीतून प्राप्त झालेला नफा
निव्वळ देशी कर्जे
व्याज खर्च
लोक लेख्यातील जमा
उत्तर – व्याज खर्च

६.डेअरी ही आर्थिक कामकाजाच्या कोणत्या विभागात येते?
तृतीयक विभाग
प्राथमिक विभाग
द्वितीयक विभाग
पाक्षिक विभाग

Option 2 : प्राथमिक विभाग
Solution

ज्या कामकाजातून उत्पन्न निर्माण होते त्याला आर्थिक कामकाज असे म्हणतात.
आर्थिक कामकाजाच्या आधारे भारतीय अर्थव्यवस्थेचे ढोबळ मानाने 3 भागांत विभाजन होते. प्राथमिक विभाग, द्वितीयक विभाग व तृतीयक विभाग हे ते तीन विभाग होत.
डेअरी प्राथमिक विभागात मोडते.
प्राथमिक विभाग: प्राथमिक कामकाजासाठी पृथ्वीवरील संसाधनांचा थेट उपयोग होत असल्याने ही कामे थेट पर्यावरणावर अवलंबून असतात. त्यामुळे शिकार आणि गोळा करणे, पशुव्यवसायाशी संबंधित कामे, मासेमारी, मधुमक्षिकापालन इ. कामांचा यामध्ये समावेश होतो.
द्वितीयक विभाग :द्वितीयक विभागातील कामे कच्च्या मालापासून उत्पादने तयार करून नैसर्गिक संसाधनांचे महत्व वाढवतात.म्हणूनच, माल तयार करणे, त्यावर प्रक्रिया करणे आणि बांधकाम व्यवसायावर त्यांचा विशेष भर असतो. उदा. चपलांचा कारखाना.
तृतीयक विभाग : तृतीयक विभागात उत्पादन व देवाण- घेवाण या दोन्ही गोष्टींचा समावेश होतो. या उत्पादनामध्ये वापरल्या जाणाऱ्या सेवांचा  समावेश होतो. व्यापार, दळण-वळण आणि संवादासारख्या अंतर कमी करणाऱ्या गोष्टींचा या देवाण-घेवाणीमध्ये अंतर्भाव होतो. उदा.सल्ला -मार्गदर्शन

७.'सुवर्ण क्रांती चा संबंध  ________. आहे.
अनमोल खनिजे
डाळी
ज्यूट
फलोत्पादन आणि मध
Answer

Option 4 : फलोत्पादन आणि मध

फलोत्पादन आणि मध  हे उत्तर बरोबर आहे.

'सुवर्ण क्रांती' ही संकल्पना फलोत्पादन आणि मध  याच्याशी संबंधित आहे.
ही क्रांती 1991 साली सुरु झाली आणि 2003 पर्यंत चालली.
निरपाख तुताज हे सुवर्ण क्रांतीचे जनक आहेत.
सुवर्ण फायबर क्रांती ही संकल्पना ज्यूट उत्पादनाशी निगडीत आहे.

क्रांती संबंध
तपकिरी क्रांती - चामडी , कोको
हरित क्रांती - शेती उत्पादन
राखाडी क्रांती - खते
गुलाबी क्रांती कांदे, कोळंबी
लाल क्रांती -मांस, टोमॅटो उत्पादन
वर्तुळ क्रांती- बटाटा उत्पादन
चांदी फायबर क्रांती-सुती उत्पादन
चांदी क्रांती-अंडे उत्पादन
धवल क्रांती - डेअरी, दूध उत्पादन
पीत क्रांती -तेलबिया उत्पादन
नील क्रांती- मत्स्योत्पादन
कृष्ण क्रांती -पेट्रोलियम उत्पादन

____________________

अर्थसंकल्पाचे प्रकार

* समतोल अर्थसंकल्प – जेव्हा सरकारचे अंदाजित उत्पन्न व अंदाजित खर्च दोन्ही सारखे असतात तेव्हा त्या अर्थसंकल्पास समतोल अर्थसंकल्प असे म्हणतात.

* शिलकीचा अर्थसंकल्प – जेव्हा सरकारचे अंदाजित उत्पन्न अंदाजित खर्चापेक्षा जास्त असते तेव्हा त्या अर्थसंकल्पास शिलकी अर्थसंकल्प म्हणतात.

* तुटीचा अर्थसंकल्प – जेव्हा सरकारच्या अंदाजित उत्पन्नापेक्षा अंदाजित खर्च जास्त असतो, तेव्हा त्या अर्थसंकल्पास तुटीचा अर्थसंकल्प म्हणतात.

भूगोल के महत्वपूर्ण प्रश्न

1. विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट किस देश में स्थित है ?
उत्तर. नेपाल
2. हिमालय किस प्रकार के पवन का उदाहरण है ?
उत्तर. नवीन वलित पर्वत या मोड़दार पर्वत
3. भारत की पहली बहुउद्देशीय परियोजना कौन सी है ?
उत्तर. दामोदर परियोजना, जिसकी स्थापना सन 1948 में हुई
4. भारत की सबसे चौड़ी नदी कौन सी है ?
उत्तर. ब्रह्मपुत्र
5. ग्रीष्म ऋतु में असम राज्य में चलने वाली तीर्व आद्र हवाएं क्या कहलाती हैं ?
उत्तर. नॉर्वेस्टर
6. भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून का आगमन किस महीने में होता है ?
उत्तर. जून के प्रथम सप्ताह में
7. वृद्ध गंगा या दक्षिण की गंगा के नाम से किस नदी को जाना जाता है ?
उत्तर. गोदावरी नदी को
8. भारत में पश्चिमी घाट को क्या कहा जाता है ?
उत्तर. सहयाद्रि
9. अंडमान निकोबार दीप समूह किस नाम से प्रसिद्ध है ?
उत्तर. मरकत द्वीप (एमराल्ड आइलैंड)
10. भारत की सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है ?
उत्तर. गोंड जनजाति

11. अरावली पर्वतमाला की सर्वोच्च चोटी कौन सी है ?
उत्तर. गुरुशिखर, 1722 मीटर, यह माउंट आबू में स्थित है
12. माउंट एवरेस्ट को चीन में क्या कहा जाता है ?
उत्तर. क्योमोलांग
13. नर्मदा नदी सबसे अधिक किस राज्य में बहती है?
उत्तर. मध्य प्रदेश में
14. भारत का सबसे अधिक नगरीकृत राज्य कौन सा है?
उत्तर. गोवा
15. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य कौन सा है ?
उत्तर. राजस्थान
16. देश में सड़क मार्ग की कुल लंबाई कितनी है ?
उत्तर. 48.65 लाख किलोमीटर
17. भारत में दीपों की कुल संख्या कितनी है ?
उत्तर. 247
18. भागीरथी और अलकनंदा का संगम कहां पर होता है ?
उत्तर. देवप्रयाग में
19. अरब सागर में गिरने वाली नदियां कौन-सी हैं ?
उत्तर. सिंधु, नर्मदा एवं ताप्ती
20. हिमालय की सबसे ऊंची श्रेणी कौन सी है ?
उत्तर. हिमाद्रि

21. भारत की स्थल सीमा की कुल लंबाई कितनी है ?
उत्तर. 15200 किलोमीटर
22. भारत किस गोलार्द्ध एवं देशांतर में स्थित है ?
उत्तर. उत्तरी गोलार्ध एवं पूर्वी देशांतर में
23. गोकक जलप्रपात कहां पर स्थित है ?
उत्तर. गोकक नदी पर कर्नाटक में
24. इंदिरा गांधी नहर जल किस नदी से प्राप्त करती है ?
उत्तर. सतलज नदी से
25. भूटान की सीमा से सटे भारतीय राज्य कौन-कौन से हैं ?
उत्तर. सिक्किम, पश्चिम बंगाल, असम और अरुणाचल प्रदेश
26. अंडमान निकोबार दीप समूह का सबसे उत्तरी द्वीप कौन सा है ?
उत्तर. लैंडफाल द्वीप
27. भारत का कुल क्षेत्रफल कितना है ?
उत्तर. 3287263 वर्ग किलोमीटर
28. म्यांमार की सीमा से लगने वाले भारत के राज्य कौन कौन से हैं ?
उत्तर. अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर एवं मिजोरम
29. भारत के मुख्य समुद्री सीमा की लंबाई कितनी है ?
उत्तर. 6100 किलोमीटर
30. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और श्रीनगर को कौन सा दर्रा जोड़ता है ?
उत्तर. बुर्जिला दर्रा

31. भारत में सबसे पहले सूर्योदय कहां पर होता है ?
उत्तर. अरुणाचल प्रदेश में
32. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा राज्य कौन सा है ?
उत्तर. गोवा
33. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा रेखा को क्या कहा जाता है ?
उत्तर. डूरंड रेखा (निर्धारण-1896)
34. जो नदी डेल्टा नहीं बनाती है उसके मुहाने को क्या कहा जाता है ?
उत्तर. ज्वारमुख या एस्चुअरी
35. सतपुड़ा का सर्वोच्च बिंदु कौन सा है ?
उत्तर. धूपगड मे, 1350, मीटर पंचमढी के पास स्थित है
36. भारत की आकृति कैसी है ?
उत्तर. चतुष्कोणीय
37. भारत का रूर किसे कहा जाता है ?
उत्तर. छोटानागपुर के पठार को
38. इलायची पहाड़ी कहां पर स्थित है ?
उत्तर. केरल में
39. जनवरी-फरवरी के महीने में तमिलनाडु के तटों पर वर्षा किस मानसून के द्वारा होती है ?
उत्तर. उत्तर-पूर्वी मानसून से
40. प्रायद्वीप भारत की सबसे बड़ी नदी कौन सी है ?
उत्तर. गोदावरी

भूगोलाचा इतिहास

भूगोलाचा इतिहास.....
भूगोलाचे अध्ययन प्राचीन ग्रीक संस्कृतीमध्ये केलेले आढळते. ग्रीकांनी शास्त्र व तत्त्वज्ञान म्हणून भूगोलाचे अध्ययन केले आणि पृथ्वीचा आकार व तिची रचना कशी आहे हे सांगण्याचा प्रयत्न केला. प्राचीन ग्रीक शास्त्रज्ञ अ‍ॅरिस्टॉटलने पृथ्वी गोल आहे असे सांगितले व इरॅथोसिसने पृथ्वीच्या परिघाचे मापन केले. रोमनांनी पृथ्वी हे विश्वाचे केंद्र आहे असे मानून नकाशेसुद्धा तयार केले. विश्वाला ३६० अंशांमध्ये विभागून अक्षांक्ष व रेखांशाची कल्पना मांडली.

मध्ययुगाच्या काळात रोमन संस्कृती लयाला गेली आणि भूगोलाची ज्ञानसंपदा युरोपकडून मुस्लिम जगाकडे आली. इद्रिसी (Idrisi), इब्न बतूत, (Ibn Batutta), इब्न खलादुन (Ibn Khaldun) यासारख्या वैज्ञानिकांनी त्यांच्या हाजींना ही माहिती भाषांतरित करून पुरविली. आणि नंतरच्या कालावधीत रोमन व ग्रीकांची सर्व साहित्यसंपदा अनेक शास्त्रज्ञांनी अनुवादित केली व बगदाद येथे विश्वविद्यालयाची स्थापना केली.भूगोल बहुतेकदा दोन शाखांच्या रूपात परिभाषित केले जाते: मानवी भूगोल आणि भौतिक भूगोल. मानवाचा भूगोल लोक आणि त्यांचे समुदाय, संस्कृती, अर्थव्यवस्था आणि पर्यावरणाशी आणि परस्परांशी त्यांचे स्थान आणि स्थान यांच्याशी आणि त्यातील संबंधांचा अभ्यास करून अभ्यासाशी संबंधित आहे. भौतिक भौगोलिक वातावरण, हायड्रोस्फीअर, बायोस्फीअर आणि भूगोल यासारख्या नैसर्गिक वातावरणामधील प्रक्रिया आणि नमुन्यांच्या अभ्यासाशी संबंधित आहे.

सोळाव्या व सतराव्या शतकांमध्ये क्रिस्तोफर कोलंबस, मार्को पोलो व जेम्स कूक यांनी पुष्कळ नवीन प्रदेशांचा शोध लावला. त्यांच्या अनुभवांवरून काही नकाशे नव्याने तयार करण्यात आले. अठराव्या व एकोणिसाव्या शतकांमध्ये भूगोलाला वेगळ्या अध्ययनशास्त्राचा दर्जा प्राप्त होऊन युरोपमधील प्रमुख विश्वविद्यालयांमध्ये भूगोलाचे अध्ययन होऊ लागले. यात प्रामुख्याने पॅरिस व बर्लिन विश्वविद्यालयांचा समावेश होता. अठराव्या शतकामध्ये भूगोलाच्या अभ्यासाकरिता अनेक भौगोलिक संस्था स्थापन करण्यात आल्या. त्यात १८२१ साली स्थापन झालेली Société de Géographie, १८३० साली स्थापन झालेली रॉयल जियोग्राफिकल सोसायटी, १८४५ साली स्थापन झालेली रशियन जियोग्राफिकल सोसायटी, १८८८ साली स्थापन झालेली नॅशनल जियोग्राफिक सोसायटी यांचा प्रामुख्याने समावेश होता. भूगोलाचा तत्त्वज्ञानाच्या शाखेपेक्षा विज्ञानाच्या शाखेशी संबध जोडण्यासाठी रिम्युल कान्ट, अलेक्झांडर वोन हुम्बोल्ट, कार्ल रिटर आणि पॉल विडाल डी ला ब्लैंचे यांनी योगदान दिले.

गेल्या दोन शतकांमध्ये संगणकाच्या नवशोधामुळे भूगोलाच्या अध्ययनात geomatics आणि इतर संबंधित पद्धतींचा वापर प्रभावीपणे होत आहे. पाश्चिमात्य देशांमध्ये विसाव्या शतकापासून पर्यावरणीय सिद्धान्त, प्रादेशिक भूगोल, परिणामीय क्रांती (आंकड्याच्या साहाय्याने परिणाम-निश्चिती), समालोचनात्मक भूगोल अशा विविध मार्गांनी भूगोलाचे अध्ययन होत आहे. भूगर्भशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, जनसंख्याअध्ययनशास्त्र यांचा भूगोलाशी घनिष्ट असा आंतरसंबध आहे. आणि यामुळे भू-शास्त्राचे सर्वांगाने अध्ययन होण्यास मदत होत आहे.

भूगोल

भूगोल

भूगोलाला इंग्रजीमध्ये Geography (जिओग्राफी) हा शब्द आहे. या शब्दाची उत्पत्ती ग्रीक भाषेतील शब्द -Geo आणि Graphiya या शब्दापासून झालेली आहे. या दोघांचा अर्थ Earth किंवा पृथ्वी असा होतो. graphein या शब्दाचा अर्थ वर्णन करणे किंवा लिहिणे होतो. यो दोन शब्दांचा विचार केल्यास पृथ्वी आणि तिच्या वैशिष्ट्यांचा, पृथ्वीवरील जैवविविधतेचा आणि मानवी उत्क्रांतीचा आणि तिच्या कार्यांचा अभ्यास करणे हा भूगोलाचा उद्देश आहे. मराठीतला भूगोल हा शब्द संस्कृतमधून जसाच्या तसा घेतला आहे. भूगोल म्हणजे पृथ्वीचा गोल. हा शब्द भूगोलाचा अभ्यास या अर्थानेही वापरला जातो.

भूगोलशास्रद्य चार पारंपारिक विचारातून भूगोलाच्या अध्ययनावर भर देतात.
1.नैसर्गिक आणि मानवी क्रिया
2. भूवैशिष्ट्यांचा अभ्यास
3. मानवआणि पृथ्वी यांचा सहसंबंध
4. भू-शास्त्र यांचा समावेश होतो. पारंपरिकदृष्ट्या भूगोल आणि भू-वैज्ञानिक यांना स्थळांच्या अभ्यासासंदर्भात एकाच वर्गात ठेवले जाते. जरी भू-वैज्ञानिक हे भू-शास्रामध्ये आणि नकाशातंत्रात पारंगत असले तरी फक्त भौगोलिक नकाशे बनविणे एवढाच त्यांचा उद्देश नसतो; त्यांच्या अध्ययनात पृथ्वी व अवकाश यांच्या मानवाशी येण्याऱ्या संबधांचा अभ्यास करणे इत्यादींचा समावेश असतो. प्रत्येक क्षेत्राच्या प्रगतीत आर्थिक, वैद्यकीय सुविधा, हवामान, वनस्पती तसेच भूगोलाचे अध्ययन या सर्वांचा एकमेकांवर प्रभाव असतो. एखाद्या ठिकाणाचा फक्त अभ्यास करणे म्हणजे भूगोल नव्हे.आजचा जगामध्ये भूगोल हा समाज आणि पर्यावरण यांना जोडण्याचे काम करत असलेले दिसून येते .

दोन मुख्य उपशाखा संपादन करा
भूगोल हे शास्त्र असून त्याच्या मानवी भूगोल व भौतिक किवा प्राकृतिक भूगोल अशा दोन मुख्य उपशाखा आहेत. उल्लेख दोन्ही उपशाखांमध्ये पर्यावरण आणि जीवावरण यांच्या निर्मितीचा अभ्यास होतो. यातील मानवी भूगोलाच्या उपशाखेचा मानवी दृष्टिकोनातून मानवाचा पर्यावरणावर होणारा प्रभाव व मानवाचे पृथ्वीवरील महत्त्व यांचा अभ्यास करणे हा उद्देश आहे; तर भौतिक भूगोलाच्या उपशाखेत पर्यावरण, वातावरण, जलावरण, वनस्पती, जीवन, मृदा किवा माती, जल आणि भूरचना हे सर्व कशाप्रकारे एकमेकांवर प्रभाव टाकतात यांचा अभ्यास केला जातो. या दोन्ही शाखांचा अभ्यास करतांना पर्यावरणीय भूगोल या तिसऱ्याच शाखेची निर्मिती झाली. या शाखेत या दोन्ही शाखांचा एकमेकांवर पडणाऱ्या प्रभावातून निसर्ग व मानवाचा संबध लक्षात येतो.

सामाजिक भूगोल

सामाजिक भूगोल...


सामाजिक भूगोल....
सामाजिक भूगोलमानवी भूगोलाची एक मुख्य शाखा. मानवी समाजाच्या विविध पैलूंचा अभ्यास या शाखेत केला जातो. सामाजिक भूगोलाची सर्वमान्य व्याख्या अद्याप झालेली नाही.त्याचप्रमाणे सामाजिक व सांस्कृतिक भूगोलशास्त्रांचे स्वरूप आणि व्याप्ती यांच्यातील निश्चित सीमारेषेबाबतही संदिग्धता आहे. वेगवेगळ्या भूगोलतज्ज्ञांनी केलेल्या सामाजिक भूगोलाच्या व्याख्यांमध्ये तफावत दिसून येते. ई. डब्ल्यू. गिल्बर्ट व आर्. डब्ल्यू. स्टील या तज्ज्ञांच्या मते विविध पर्यावरणातील सामाजिक समुदायांचे वितरण व त्यांची जीवनशैली तसेच अधिवास, आरोग्य आणि वेगवेगळ्या लोकसमूहांतील मजुरांची स्थिती यांचे भौगोलिक विश्लेषण म्हणजे सामाजिक भूगोल होय. वेगवेगळ्या तज्ज्ञांनी केलेल्या विश्लेषणानुसार सामाजिक भूगोलात लोकसंख्या, लोकसंख्येचे वितरण व संरचना, स्थलांतर, मानवी वसाहती, मानवाचे सांस्कृतिक वर्तन,वेगवेगळ्या समाजघटकांमधील परस्परसंबंध, सामाजिक गुन्हेगारी इ. मानवी समाजघटकांचा अभ्यास केला जातो.
सामाजिक भूगोल ही नव्याने उदयास आलेली शाखा आहे. समाजाचा आकार जसजसा विस्तृत होऊ लागला, समाजरचना गुंतागुंतीची बनू लागली व सामाजिक समस्यांची संख्या व तीव्र ता वाढत गेली, तसतसे विचारवंतांनी आपले लक्ष समाजाच्या अभ्यासाकडे वळविले. या अभ्यासामधूनच सामाजिक भूगोल हा स्वतंत्र विषय विकासित होत गेला. अभिजात युगातील समन्वेषक व इतर व्यक्तींचे लिखित दाखले तसेच विसाव्या शतकातील भूगोलतज्ञांचे संशोधनकार्य यांमधून सामाजिक भूगोलाचा उद्‌गम स्पष्ट होतो.

ग्रे को–रोमन काळातील समन्वेषक आणि लेखक यांनी लिहिलेले वर्णनात्मक अहवाल ऐतिहासिक पूर्वो दाहरण म्हणून देता येतील. हीरॉडोटस, थ्यूसिडिडीझ, स्ट्रेबो व अन्य लेखक या संदर्भात जागतिक-सामाजिक विभेदाविषयी पहिले लिखित प्रतिबोधन (मान्यता) देतात. अशा प्रकारची विश्वकोशीय वर्णने पाश्चात्त्य देशांत सतराव्या शतकात अधूनमधून आढळतात.उदा., मार्को पोलो व मिशनऱ्यांचे वृत्तांत. जगाच्या वेगवेगळ्या भागांत तेथील नैसर्गिक पर्यावरणाच्या, विशेषतः हवामानातील भिन्नतेनुसार विविध प्रकारचे सामाजिक जीवन आढळते. एकोणिसाव्या शतकात फ्रेंच समाजशास्त्रज्ञ फेडेरिक ली प्ले (१८०६–८२) याने फ्रान्समधील कामगारांच्या कुटुंबातील सामाजिक परिस्थितीचा जो प्रत्यक्ष अभ्यास केला होता, तो सामाजिक भूगोलाचाच अभ्यासविषय होता. जर्मन भूगोलज्ञ ⇨राट्सेल फीड्रिख (१८४४–१९०४) याच्या अँथ्रॉपोजिऑगफी (१८८२;१८९१) या द्विखंडीय ग्रंथातील तसेच इतर लेखांमधील वर्णन हे सामाजिक भूगोलाशी निगडित होते. त्याने प्राकृतिक पर्यावरणाचा व्यक्तीवर व समाजावर होणारा परिणाम स्पष्ट केला. जर्मन भूगोलज्ञ कार्ल रिटर, अलेक्झांडर फॉन हंबोल्ट,हॅसिंगर, रू हल व हेटनर, फ्रेंच भूगोलज्ञ एलीझे रक्ल्यू, अमेरिकन भूगोलज्ञ जॉर्ज पेर्किन्स मार्श व ब्रि टिश भूगोलज्ञ एच्. जे.मॅकिंडर हे सामाजिक भूगोलशास्त्राचे प्रवर्तक मानले जातात; तथापि ली प्ले याची सामाजिक सर्वेक्षण चळवळ, राट्सेलचा मानवजाती भूगोल आणि फ्रेंच समाजशास्त्रज्ञ ⇨एमील द्यूरकेम (१८५८–१९१७) याचे समाजरचनेचे शास्त्र (सोशल मॉर्फालॉजी)यांमधून त्यांनी सामाजिक भूगोल या विषयाच्या संदर्भातील अनेक संकल्पना स्पष्ट केल्या. या तीन महत्त्वाच्या विचारधारा ह्या आधुनिक सामाजिक भूगोलशास्त्राच्या विकासाचे आद्य टप्पे मानले जातात. ली प्ले याच्या अनुयायांच्या लेखनातही या विषयाला धरून विवेचन आढळते. कार्ल रिटर याने भौगोलिक प्रदेशाची ‘जैविक एकात्मता’ ही संकल्पना प्रतिपादन केली.यामध्ये नैसर्गिक परिस्थिती आणि तेथील लोकसंख्या व संस्कृती यांच्यात एकात्मता आढळते, असे स्पष्ट केले.

विसाव्या शतकाच्या पूर्वार्धात भूगोलतज्ञांनी समाज आणि पर्यावरण यांच्यातील आंतरक्रियांच्या अभ्यासावर विशेष भर दिला.अँग्लो–अमेरिकन परंपरेतील व्यक्ती जॉर्ज विल्सन होक याचा ‘द स्टडी ऑफ सोशल जिऑगफी’ हा शोधनिबंध १९०७ मध्ये प्रसिद्घ झाला. त्यात त्याने ‘सामाजिक भूगोल’ ही संज्ञा वापरली होती. वाढती लोकसंख्या, मानवी वसाहती, नागरीकरण व त्यांमुळे निर्माण होणाऱ्या सामाजिक समस्या इ. अभ्यासविषय सामाजिक भूगोलात समाविष्ट होऊ लागले. कोणत्याही प्रदेशातील मानवी जीवनावर तेथील भौगोलिक परिस्थितीचा प्रभाव पडत असतो. काही भूगोलज्ञांनी तर नैसर्गिक पर्यावरणातील घटकांचा आधार घेऊन असे स्पष्ट केले, की समाजातील मद्यप्राशन, घटस्फोट, बहुविवाहपद्घती, रू ढी, परंपरा यांच्या पाठीमागे निसर्ग असतो. व्हीदाल द ला ब्लांश या प्रसिद्घ फ्रेंच भूगोलज्ञाने राट्सेलच्या अतिशयोक्तीपूर्ण पर्यावरणीय निसर्गवाद (नियतिवाद, अशक्यतावाद) या विचारप्रणालीऐवजी संभववाद (शक्यतावाद) ही अधिक लवचिक संकल्पना मांडली. त्याच्या मते मानवाला नैसर्गिक पर्यावरणामध्ये इष्ट ते बदल घडवून आणता येतात. त्याने भूगोलाच्या अभ्यासात मानवाला केंद्रस्थानी मानले. आधुनिक मानवी व सामाजिक भूगोलाच्या विकासावर व्हीदालच्या विचारांचा फार मोठा प्रभाव पडलेला दिसतो. सुरुवातीच्या काळातील–विशेषतः फ्रेंच–भूगोलज्ञांनी सामाजिक भूगोलाचा अभ्यास प्रादेशिक विवरणशास्त्र या दृष्टिकोनातून केला. इलीस याच्या मते सामाजिक भूगोल हे व्हीदाल द ला ब्लाश व बोबेक यांचेच पुढे चालत आलेले तत्त्वज्ञान होय.

दुसऱ्या महायुद्घापूर्वीच्या काळात सामाजिक भूगोलाच्या घटकांचे पद्घतशीर वर्गीकरण करण्याकडे तसेच या विषयाचा सैद्घांतिक आकृतिबंध मांडण्यावर भूगोलज्ञांनी विशेष भर दिला नव्हता. पिअरी जॉर्ज व मॅक्सीमीलीएन सोर यांनी पहिल्यांदा असे वर्गीकरण केले (१९४३–५३). १९६० च्या दशकातील सामाजिक भूगोलाच्या विकासाचे प्रमुख तीन प्रवाह आढळतात.त्यांपैकी पहिला प्रवाह, कल्याणकारी किंवा मानवतावादी विचारप्रणालीचा. तिचा भर कल्याणकारी अर्थव्यवस्थेच्या आकृतिबंधांतर्गत निवासव्यवस्था, आरोग्य व सामाजिक चिकित्सेवर होता. दुसरा प्रवाह, मूलगामी विचारप्रणालीचा. ती मार्क्सच्या तत्त्वज्ञानावर आधारित असून तिचा भर दारिद्रय व सामाजिक विषमता या समस्यांच्या मूळ कारणांच्या विश्लेषणावरहोता, तर तिऱ्या प्रवाहाचा भर वांशिक किंवा धार्मिक भिन्नतेच्या अभ्यासावर होता. पाश्चिमात्य भूगोलज्ञांनी प्रामुख्याने सामाजिककल्याणावर विशेष भर दिलेला आढळतो. कल्याणकारी राज्य म्हणजे सर्व नागरिकांच्या मूलभूत कल्याणाची जबाबदारीस्वीकारून त्यानुसार शासकीय धोरणे व कार्य करणारी राज्यसंस्था होय.

पहिल्या पिढीतील भारतीय भूगोलज्ञ जॉर्ज कुरियन, एस्. पी. चतर्जी, एस्. एम्. अली, सी. डी. देशपांडे तसेच व्ही. एस्.गणनाथन, व्ही. एल्. एस्. प्रकाश राव यांनी राज्यपुनर्रचना, देशाचा नियोजनबद्घ विकास आणि नैसर्गिक संसाधनांचा अधिककार्यक्षमतेने वापर करणे इ. बाबतींत नियोजन आयोगासारख्या संस्थांचे सल्लागार व मार्गदर्शक म्हणून महत्त्वाची भूमिका पारपाडली. त्यांचे मार्गदर्शन भूगोल–विषयांतर्गत होते; परंतु राष्ट्रहिताच्या दृष्टीने समकालीन प्रश्नांना अनुसरून भारतातसामाजिक भूगोल या विषयाबाबत विशेष संशोधन झाले नाही. अलीकडच्या काळात मात्र सामाजिक भूगोलशास्त्रविषयकअभ्यास होऊ लागला आहे.

सामाजिक भूगोल अभ्यासाच्या केंद्रस्थानी मानव आणि समाज असला, तरी त्याच्या स्वरूप व व्याप्तीचे अंतिम प्रारूप कोणते, याविषयी सामाजिक भूगोलज्ञांनी वेगवेगळे विचार मांडले आहेत. त्यामध्ये गिल्बर्ट, टेलर, जे. एम्. हाऊस्टन, डब्ल्यू. फिट्स्जेराल्ड व एल्सवर्थ हटिंग्टन इत्यादींनी सामाजिक भूगोलाची व्याप्ती अधिक स्पष्ट केली आहे. गिल्बर्ट व हटिंग्टन यांच्या मते सामाजिक भूगोल हा विषय अत्यंत व्यापक असून त्यामध्ये भौतिक आणि सामाजिक शास्त्रांच्या उपयुक्ततेचा मिलाफ झालेला आहे. या भूगोल शाखेत प्रामुख्याने मानवी समाज व पर्यावरण यांच्या परस्परसंबंधांच्या अभ्यासाचा अंतर्भाव होतो. मानवी समाजाचे अभिक्षेत्रीय वितरण, लोकसंख्येची वाढ, घनता,संरचना, मानवी वंश, मानवी वसाहतींचा उगम, विकास, प्रारूप व त्यांचे वितरण, स्थलांतर, मानव समूहातील शारीरिक व सांस्कृतिक भिन्नता, आर्थिक व्यवसायांतील विविधता इ. विषयांच्या अभ्यासाचा समावेश या शाखेत केला जातो. त्याशिवाय स्त्रिया, वृद्घ, गरीब, अल्पसंख्याक, मनोरुग्ण, गुन्हेगार, सामाजिक विषमता, सामाजिक विकृती, निवासाचे प्रश्न इ. समस्यांची कारणे, उपाययोजना आणि सामाजिक कल्याण यांचा विचार सामाजिक भूगोलज्ञ करीत असतात. त्याचप्रमाणे विविधप्रदेशांतील नैसर्गिक पर्यावरणाचा या सर्व घटकांवर व त्यांच्या अभिक्षेत्रीय वितरणांवर कसा परिणाम होतो, त्याचाही अभ्यास याशाखेत केला जातो. नैसर्गिक व सांस्कृतिक परिस्थितीचा एकत्रित अभ्यास ज्या ज्या विषयांत केला जातो, त्या सर्व विषयांशीसामाजिक भूगोलाचा संबंध येतो. उदा., इतिहास, राज्यशास्त्र, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मानसशास्त्र, मानववंशशास्त्र,पुरातत्त्वविद्या, समाज–भाषाशास्त्र इत्यादी. सामाजिक भूगोलाच्या लोकसंख्या,–भूगोल, वसाहत भूगोल–राजकीय, लष्करीव ऐतिहासिक भूगोल, पर्यटन, वैद्यक, वर्तणूक व गुन्हेविषयक भूगोल इ. उपशाखा मानल्या जातात. विकासित देशांतसामाजिक भूगोलज्ञांचा विशेष कल नागरी प्रश्नांवर असलेला आढळतो.

आधुनिक समाजात आढळणाऱ्या गुन्हेगारी, बेकारी, घटस्फोट इ. समस्यांचे स्वरूप व कारणे शास्त्रशुद्घ पद्घतीने निश्चित करून,त्यांवर परिणामकारक उपाययोजना करणे, हे या शाखेच्या अलीकडील अभ्यासात गृहीत धरले आहे. समाजात निरनिराळ्याजातिधर्मांचे, वंशांचे व संस्कृतींचे लोक एकत्र राहतात. त्यांच्या मनात परस्परांबद्दल कारणपरत्वे काही पूर्वग्र ह तयार झालेलेअसतात. या पूर्वग्र हांचे परिणाम त्यांच्या परस्पर संबंधांवर झालेले आढळतात. सामाजिक भूगोलाच्या संशोधनाने ते पूर्वगहकसे निराधार आहेत, हे स्पष्ट करता येते. या विषयाच्या अभ्यासाने वेगवेगळ्या जाती, धर्म, वंश व संस्कृतींच्या लोकांमध्येसामंजस्याची भावना निर्माण करणे शक्य होते. आधुनिक समाजरचना अतिशय गुंतागुंतीची बनली आहे. या समाजरचनेचे पुरेसेज्ञान व्यक्तीला झाले तरच ती व्यक्ती या समाजरचनेबरोबर परिणामकारकपणे जुळवून घेऊ शकते. सामाजिक नियोजनकरणारे सरकारी अधिकारी, सामाजिक कार्यक्रर्ते, तंत्रज्ञ इत्यादींना सामाजिक भूगोलशास्त्रीय सिद्घांतांचे ज्ञान असणे आवश्यकअसते. त्या ज्ञानाच्या आधारानेच त्यांना सामाजिक नियोजनाची उद्दिष्टे साध्य करण्याचे मार्ग आणि पद्घती निश्चित करतायेतील.

अलीकडच्या काळात सामाजिक भूगोलज्ञ मानव व समाजाच्या सर्वांगीण कल्याणासाठी वेगवेगळ्या अध्यापनपद्घतींचा अवलंबकरीत आहेत. उदा., प्रादेशिक, कार्यात्मक, तात्त्विक व एकात्मक दृष्टिकोन, सांख्यिकी, वैयक्तिक व तुलनात्मकअध्यापनपद्घती इत्यादी. शिवाय मानवाच्या आणि समाजाच्या स्वास्थ्यासाठी दारिद्र्य, उपासमार, गुन्हे, वर्णभेद, सामाजिकविषमता, नैसर्गिक आपत्ती इ. बाबींची जाणीवपूर्वक दखल घेऊन अभ्यास केला जात आहे. अशाप्रकारे एकविसाव्या शतकातयेऊ घातलेली विविध आव्हाने स्वीकारण्याच्या दिशेने सामाजिक भूगोलाच्या प्रगतीची वाटचाल चालू आहे.