Wednesday, 27 April 2022

समानार्थी शब्द

समानार्थी शब्द

अनाथ = पोरका
अनर्थ = संकट
अपघात = दुर्घटना 
अपेक्षाभंग = हिरमोड
अभिवादन = नमस्कार, वंदन, प्रणाम 
अभिनंदन = गौरव
अभिमान = गर्व 
अभिनेता = नट
अरण्य = वन, जंगल, कानन  
अवघड = कठीण
अवचित = एकदम
अवर्षण = दुष्काळ
अविरत = सतत, अखंड
अडचण = समस्या
अभ्यास = सराव  
अन्न = आहार, खाद्य 
अग्नी = आग
अचल = शांत, स्थिर
अचंबा = आश्चर्य, नवल
अतिथी = पाहुणा  
अत्याचार = अन्याय
अपराध = गुन्हा, दोष
अपमान = मानभंग
अपाय = इजा 
अश्रू = आसू 
अंबर = वस्त्र
अमृत = पीयूष
अहंकार = गर्व
अंक = आकडा
आई = माता, माय, जननी, माउली 
आकाश = आभाळ, गगन, नभ, अंबर 
आठवण = स्मरण, स्मृती, सय
आठवडा = सप्ताह 
आनंद = हर्ष
आजारी = पीडित, रोगी 
आयुष्य = जीवन, हयात
आतुरता = उत्सुकता  
आरोपी = गुन्हेगार, अपराधी 
आश्चर्य = नवल, अचंबा
आसन = बैठक
आदर = मान  
आवाज = ध्वनी, रव 
आज्ञा = आदेश, हुकूम
आपुलकी = जवळीकता 
आपत्ती = संकट
आरसा = दर्पण 
आरंभ = सुरवात
आशा = इच्छा
आस = मनीषा
आसक्ती = लोभ
आशीर्वाद = शुभचिंतन 
इलाज = उपाय
इशारा = सूचना
इंद्र = सुरेंद्र
इहलोक = मृत्युलोक
ईर्षा = चुरस  
उत्सव = समारंभ, सण, सोहळा
उक्ती = वचन 
उशीर = विलंब
उणीव = कमतरता
उपवन = बगीचा
उदर = पोट
उदास = खिन्न
उत्कर्ष = भरभराट
उपद्रव = त्रास
उपेक्षा = हेळसांड
ऊर्जा = शक्ती
ॠण = कर्ज 
ॠतू = मोसम
एकजूट = एकी, ऐक्य
ऐश्वर्य = वैभव
ऐट = रुबाब, डौल 
ओझे = वजन, भार 
ओढा = झरा, नाला 
ओळख = परिचय
औक्षण = ओवाळणे 
अंत = शेवट 
अंग = शरीर
अंघोळ = स्नान 
अंधार = काळोख, तिमिर
अंगण = आवार
अंगार = निखारा
अंतरिक्ष = अवकाश 
कथा = गोष्ट, कहाणी, हकिकत 
कठीण = अवघड 
कविता = काव्य, पद्य 
करमणूक = मनोरंजन
कठोर = निर्दय
कनक = सोने
कटी = कंबर
कमळ = पंकज
कपाळ = ललाट
कष्ट = श्रम, मेहनत 
कंजूष = कृपण  
काम = कार्य, काज
काठ = किनारा, तीर, तट
काळ = समय, वेळ, अवधी 
कान = श्रवण
कावळा = काक
काष्ठ = लाकूड
किल्ला = गड, दुर्ग 
किमया = जादू 
कार्य = काम 
कारागृह = कैदखाना, तुरुंग
कीर्ती = प्रसिद्धी, लौकिक, ख्याती 
कुतूहल = उत्सुकता
कुटुंब = परिवार
कुशल = हुशार, तरबेज   
कुत्रा = श्वान  
कुटी = झोपडी
कुचंबणा = घुसमट
कृपण = कंजूष
कृश = हडकुळा
कोवळीक = कोमलता
कोठार = भांडार
कोळिष्टक = जळमट
खण = कप्पा  
खडक = मोठा दगड, पाषाण
खटाटोप = प्रयत्न
खग = पक्षी
खड्ग = तलवार
खरेपणा = न्यायनीती 
ख्याती = कीर्ती, प्रसिद्धी, लौकिक 
खात्री = विश्वास
खाली जाणे = अधोगती  
खिडकी = गवाक्ष
खेडे = गाव, ग्राम  
खोड्या = चेष्टा, मस्करी 
गरज = आवश्यकता
गवत = तृण 
गर्व = अहंकार 
गाय = धेनू, गोमाता
गाणे = गीत, गान 
गंमत = मौज, मजा
गंध = वास, दरवळ
ग्रंथ = पुस्तक  
गाव = ग्राम, खेडे
गुन्हा = अपराध
गुलामी = दास्य 
गोड = मधुर  
गोणी = पोते 
गोष्ट = कहाणी, कथा
गौरव = सन्मान  
ग्राहक = गिऱ्हाईक 
घर = सदन, गृह, निकेतन, आलय 
घरटे = खोपा
घागर = घडा, मडके  
घोडा = अश्व, हय, वारू 

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