Saturday, 23 April 2022

समानार्थी शब्द मराठी व्याकरण-वाक्यप्रचार व अर्थ

MPSC मराठी व्याकरण व लेखन:
समानार्थी शब्द :

पर्वत = डोंगर, गिरी, अचल 
पक्षी = पाखरू, खग, विहंग
प्रकाश = उजेड 
प्रवास = सफर, फेरफटका, पर्यटन
प्रवासी = वाटसरू
प्रजा = लोक 
प्रत - नक्कल
प्रदेश = प्रांत 
प्रवास = यात्रा    
प्राण = जीव 
पान = पत्र, पत्ता 
प्रासाद = वाडा 
पाखरू = पक्षी
पाऊल = पाय, चरण
पाऊलवाट = पायवाट
प्रार्थना = स्तवन 
प्रामाणिकपणा = इमानदारी
प्रारंभ = सुरुवात, आरंभ  
प्रेम = प्रीती, माया, जिव्हाळा
प्रोत्साहन = उत्तेजन
पाऊस = वर्षा, पर्जन्य 
पाणी = जल, नीर, तोय, उदक
पिशवी = थैली 
पुस्तक = ग्रंथ
पुतळा = प्रतिमा, बाहुले
पुरातन = प्राचीन 
पृथ्वी = धरणी, जमीन, वसुंधरा, वसुधा  
फलक = फळा   
फांदी शाखा 
फूल = पुष्प, सुमन, कुसुम
बदल = फेरफार, कलाटणी 
बर्फ = हिम  
बहीण = भगिनी
बक्षीस = पारितोषिक, पुरस्कार 
बाग = बगीचा, उद्यान, वाटिका 
बासरी = पावा
बेत = योजना
बाळ = बालक 
बाप = पिता, वडील, जनक 
बादशाहा = सम्राट
बुद्धी = मती 
ब्रीद = बाणा   
भरवसा = विश्वास 
भरारी = झेप, उड्डाण 
भव्य = टोलेजंग
भाट = स्तुतिपाठक 
भारती = भाषा, वैखरी
भांडण = तंटा  
भाळ = कपाळ 
भाऊ = बंधू, सहोदर
भेसळ = मिलावट
भेदभाव = फरक
भोजन = जेवण   
मदत = साहाय्य 
ममता = माया, जिव्हाळा, वात्सल्य 
मन = चित्त, अंतःकरण
मजूर = कामगार 
महिना = मास
महिला = स्त्री, बाई, ललना 
मजूर = कामगार
मस्तक = डोके, शीर, माथा  
मानवता = माणुसकी 
मान = गळा  
मंगल = पवित्र 
मंदिर = देऊळ, देवालय  
मार्ग = रस्ता, वाट
म्होरक्या = पुढारी, नेता  
मित्र = दोस्त, सोबती, सखा, सवंगडी
मिष्टान्न = गोडधोड
मुलगा = पुत्र, सुत, तनय 
मुलगी = कन्या, तनया  
मुद्रा = चेहरा, मुख, तोंड, वदन 
मुख = तोंड, चेहरा 
मुलुख = प्रदेश, प्रांत, परगणा 
मेहनत = कष्ट, श्रम, परिश्रम
मैत्री = दोस्ती
मौज = मजा, गंमत
यश = सफलता 
युक्ती = विचार, शक्कल 
युद्ध = लढाई, संग्राम, लढा, समर 
योद्धा = लढवय्या 
रक्त = रुधिर 
रणांगण = रणभूमी, समरांगण 
र्हास = हानी    
राग = क्रोध, संताप, चीड 
राजा = नरेश, नृप 
राष्ट्र = देश 
रांग = ओळ 
रात्र = निशा, रजनी, यामिनी
रान = वन, जंगल, अरण्य, कानन
रूप = सौंदर्य
रुबाब = ऐट, तोरा  
रेखीव = सुंदर, सुबक 
लग्न = विवाह, परिणय  
लाट = लहर 
लाज = शरम, 
लोभ = हाव
वस्त्र = कपडा 
वारा = वात, पवन, अनिल, मारुत, समीर, वायू 
वाट = मार्ग, रस्ता 
वाद्य = वाजप 
वातावरण = रागरंग
वेग = गती
वेळ = समय, प्रहर
वेळू = बांबू 
वेश = सोशाख
वेदना = यातना  
विश्रांती = विसावा, आराम
वितरण = वाटप, वाटणी 
विद्या = ज्ञान 
विनंती = विनवणी 
विरोध = प्रतिकार, विसंगती
विसावा = विश्रांती, आराम  
विश्व = जग, दुनिया  
वीज = विद्युर, सौदामिनी 
वृत्ती = स्वभाव 
वृद्ध = म्हातारा 
वैराण = ओसाड, भकास, उजाड 
वैरी = शत्रू, दुष्मन 
वैषम्य = विषाद 
व्यवसाय = धंदा 
व्याख्यान = भाषण  
शरीर = देह, तनू, काया, कुडी, अंग
शक्ती = सामर्थ्य, जोर, बळ 
शर्यत = स्पर्धा, होड, चुरस 
शहर = नगर
शंकर = चंद्रचूड  
श्वापद = जनावर 
शास्त्रज्ञ = वैज्ञानिक 
शाळा = विद्यालय 
शाळुंका = शिविलिंग
शेत = 
शिवार, वावर, क्षेत्र
शिवार = शेत, वावर 
शीण = थकवा 
शील = चारित्र्य
शीतल = थंड, गार 
शिक्षा = दंड, शासन  
श्रम = कष्ट, मेहनत  
सकाळ = प्रभात, उष:काल
सचोटी = खरेपणा 
सफाई = स्वच्छता 
सवलत = सूट 
सजा = शिक्षा 
सन्मान = आदर 
संकट = आपत्ती
संधी = मोका
संत = सज्जन, साधू
संपत्ती = धन, दौलत, संपदा
सायंकाळ = संध्याकाळ 
सावली = छाया   
साथी = सोबती, मित्र, दोस्त, सखा 
स्तुती = प्रशंसा 
स्पर्धा = चुरस, शर्यत, होड, पैज
स्थान = ठिकाण, वास, ठाव  
स्त्री = बाई, महिला, ललना
संध्याकाळ = सायंकाळ, सांज 
स्फूर्ती = प्रेरणा 
स्वच्छता = झाडलोट
सुवास = सुगंध, परिमल, दरवळ 
सुंदर = सुरेख, रमणीय, मनोहर, छान 
सागर = समुद्र, सिंधू, रत्नाकर, जलधी
सावली = छाया  
सामर्थ्य = शक्ती, बळ
साहित्य = लिखाण
सेवा = शुश्रूषा    
सिनेमा = चित्रपट, बोलपट 
सिंह = केसरी, मृगराज, वनराज
सुविधा = सोय 
सुगंध = सुवास, परिमळ, दरवळ
सूत = धागा, दोरा
सूर = स्वर  
सूर्य = रवी, भास्कर, दिनकर, सविता 
सोने = सुवर्ण, कांचन, हेम
सोहळा = समारंभ 
हद्द = सीमा, शीव 
हल्ला = चढाई 
हळू चालणे = मंदगती
हकिकत = गोष्ट, कहाणी, कथा 
हात = हस्त, कर, बाहू 
हाक = साद 
हित = कल्याण 
हिंमत = धैर्य 

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❇️ मराठी व्याकरण-वाक्यप्रचार व अर्थ ❇️

◆ प्रादूर्भूत होणे - दिसू लागणे

◆ दंडेली करणे - जबरदस्ती करणे

◆ दिवा विझणे - मरण येणे

◆ मूठमाती देणे - शेवट करणे

◆ सुगावा लागणे - अंदाज लागणे

◆ प्रतारणा करणे - फसवणूक करणे

◆ डोक्यावर घेणे - कौतुक करणे

◆ कानाशी लागणे - चहाडी करणे

◆ किटाळ करणे - आरोप होणे

◆ देव्हारे माजविणे - महत्व वाढविणे

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