दोन सजातीय स्वर लागोपाठ आल्यास त्या दोघांबद्दल त्याच जातीतील एकच दीर्घ स्वर येतो याला सजातीय स्वरसंधी किंवा दिर्घत्वसंधी असे म्हणतात.
सजातीय स्वरसंधीची उदाहरणे पुढीलप्रमाणे आहेत.
अ +अ = आ
१. सूर्य + अस्त = सूर्यास्त
२. कट + अक्ष = कटाक्ष
३. रूप + अंतर = रुपांतर
४. मिष्ट + अन्न = मिष्टान्न
५. स + अभिनय = साभिनय
६. प्रथम + अध्याय = प्रथमाध्याय
७. सह + अध्यायी = सहाध्यायी
८. पुरुष + अर्थ = पुरुषार्थ
९. सह + अनुभूती = सहानुभूती
१०. मंद + अंध = मंदांध
११. स्वभाव + अनुसार = स्वभावानुसार
🟤 अ + आ = आ 🟤
१. देव + आलय = देवालय
२. हिम + आलय = हिमालय
३. फल + आहार = फलाहार
४. अनाथ + आश्रम = अनाथाश्रम
५. गोल + आकार = गोलाकार
६. मंत्र + आलय = मंत्रालय
७. शिशिर + आगमन = शिशिरागमन
८. प्रथम + अध्याय = प्रथमाध्याय
९. धन + आदेश = धनादेश
१०. जन + आदेश = जनादेश
११. दुख: + आर्त = दुखार्त
१२. नील + आकाश = नीलाकाश
१३. कार्य + आरंभ = कार्यारंभ
🟤 आ +आ = आ 🟤
१. महिला + आश्रम = महिलाश्रम
२. राजा + आश्रय = राजाश्रय
३. कला + आनंद = कलानंद
४. विद्या + आलय = विद्यालय
५. राजा + आज्ञा = राजाज्ञा
६. चिंता + आतुर = चिंतातुर
🟤 इ+ इ = ई 🟤
१. मुनी + इच्छा = मुनीच्छा
२. कवि + इच्छा = कवीच्छा
🟤 इ+ इ = ई 🟤
१. मुनी + इच्छा = मुनीच्छा
२. कवि + इच्छा = कवीच्छा
३. अभि + इष्ट = अभीष्ट
🟤 इ+ ई = ई 🟤
१. गिरि + ईश = गिरीश
२. कवि + ईश्वर = कवीश्वर
३. परि + ईक्षा = परीक्षा
🟤 ई+ इ = ई 🟤
१. गोमती + इच्छा = गोमतीच्छा
२. रवी + इंद्र = रवींद्र
३. मही+ इंद्र = महिंद्र
🟤 ई+ ई = ई 🟤
१. मही + ईश = महीश
२. पार्वती + ईश = पार्वती
🟤 उ +उ = ऊ 🟤
१. गुरु + उपदेश = गुरुपदेश
२. भानु + उदय = भानुदय
🟤 ऊ +उ = ऊ 🟤
१. भू + उद्धार = भूद्धार
२. वधू + उत्कर्ष = वधूत्कर्ष
३. लघू + उत्तरी = लघूत्तरी
ऋ+ ऋ = ऋ
१. मातृ + ऋण = मातृण
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